॥ खांदेशनी नार..॥
जगले पोसनारा बळीनी
मी स्वाभीमानी पोर शे
अहिरानी मन्ही मायबोली
मी खान्देशनी नार शे..!
जल्म घिदा धबाना घरात
त्याले सागवानी दार शे
काळा वावरात राबनारी
मी खान्देशनी नार शे..!
रथथी भारी बैलगाडीना
सारथी मन्हा भरतार शे
शेतकरी राजानी मी रानी
मी खान्देशनी नार शे..!
मेहनती सासर-माहेरना
मन्हावर घट्ट संस्कार शे
घरले देऊळ बनावनारी
मी खान्देशनी नार शे..!
गांव-खेडानी संस्क्रितीना
मन्हा न्यामीना परीवार शे
सासू-सासरानी सेवा करनारी
मी खान्देशनी नार शे..!
खान्देशी सनस्मा आवडता
मन्हा आखाजीना बार शे
कानबाई-गवराई पुजनारी
मी खान्देशनी नार शे..!
रोडगा-कानोला भरीत करनारी
मी सुगरन भारी कलाकार शे
पुरनपोळी हातवर फिरावनारी
मी खान्देशनी नार शे..!
पिरीम-ममतामा वागनारा
धाकटा-मोठास्ना मी आधार शे
पापी नजरवालास्ले झोडनारी
मी खान्देशनी नार शे..!
✍🏼कवी-देवदत्त बोरसे✍🏼
नामपूर ता.बागलान जि.नाशिक.
मो.नं.९४२१५०१६९५.